एक समय की बात हे एक रज्य में 100 गाँव था और उस समय अकाल पड़ने लगा प्रजा की सिकायत रजा के पास आये इसके हल निकलने का और सरे प्रजा महाराजा से सहयता मागते हे तब रजा बिचार की किस तरह से प्रजा की समस्या की हल निकल साके तब एक मंत्री बोलता हे l महाराज बुरा मत मनु तु में एक बात बोलो और बाते बोलने का इजाजत महाराज से मागता हे तब रजा बोलने का इजाजत देता हे l महराज मेरा बिचार के अनुसार सरे गाँव में एक एक तलब बोना दिया जाय l महाराज इसके बिकार पर बहुत प्रोस्नता होए और तलब निर्माण करने का निर्णय लेता हे तलब निर्माण का कार्य रामदेव को सोप देते हे और रजा बोलता हे इन कार्य और तलब निर्माण करने के लिए रामदेव को एक लाख सोने की स्सिके दिए जाय और रामदेव को एक लाख सोने की स्सिके सोप देते हे और रजा बोलता हे रामदेव तुम्हे ये कम 6 महीने में पूरा करने हे कियोंकि इसके बाद बरसात की दिन आने वाला हे जिसे इस तलब में पानी जमा हो साके l जल्दी ही ये कम शुरू करो कुछ दिन बाद महाराजा तलब देखने के लिए जाते हे और बोलता हे बहुत अछे तलब खोदने का कम तु बहुत तेजी से चल रहा हे में आसा करता हु बहुत ही जल्दी सरे तलब की निर्माण हो जाये l तब रामदेव बोलते हे जी महाराज अब तक 10 तालाब बन चूका हे l और इस महिना पूरा हुते होते ही और 30 तलब बन जाएगा l 6 महीने बिट गये अब फिर से राज दरबार सजा था और वह पर रामदेव पहुच कर बोलता हे महाराज 100 तलब आपके कहने उनुसार निर्माण हो चूका हे यह सुन कर महाराज बहुत खुशी होए तब रामदेव बलता हे महाराज अप एक बार तलब को देख ले रजा बलता हे हां कियो नहीं जरुर जवोंगा ? दूसरा दिन महाराजा एक तलब के पास पहुच जाता हे और तलब की अर्थी करता हे और रामदेव से बोलता हे मुझे उमीद हे इस साल पानी की कोई कोथिन्य नहीं रहेगा और दक्षिण राज्य में भी कोई संकट नहीं होगी l
एक दी रजा को सूचना मिलता हे की दक्षिण राज्य में चुरी बड जयी हे और उसके पता लगाने के लिए ब्र्मनोंद को भेज देते हे ब्र्मनोंद जब पहुच ताते हे तब देखते हे लोग पानी के लिए लद रहे हे यह देख क्र ब्र्मनोंद हेरान हो जाता हे l पिछले कुछ महीने पहले तु महाराज तु 100 तलब बनवाए थे फिर भी इनलोग कियो लद रहे हे ब्र्मनोंद तुरत गाँव के मुख्या सी मिले और बोले पिछले कुछ महीने में तु महाराज तु प्रोतेक गाँव में एक एक तालाब बनवाए थे फिर भी इन लोग पानी के लिए कियो लद रहे हे मुख्या बोला इहाँ पर तो कोई भी तलब नहीं बनाये हे l
तब ब्र्मनोंद समझ जाते हे सरे धन रामदेव ने हड़प्प लिए हे और वह तुरंत राजमहल जाता हे और महाराज से बोलता हे महाराज – महाराज दक्षिण राज्य में एक तलब की चुरी हो गयी हे l यह सुनकर राजा हेरान को जाते हे और तुरंत ही रामदेव और ब्र्मनोंद को लेकर दक्षिण राज्य गये l तब रजा बोलते हे रामदेव तु कहा पर तलब की निर्णन किये थे मुझे वह जगह दिखाए तब रामदेव क्थिने में पस जाती हे और महाराजा को एक खली बंजर भूमि देखा देता हे और बोलता हे महाराज येही पर हमने तलब बनाये थे तब ब्र्मनोंद बोलते जहा तक मुझे पता हे इस जगह पर तु हाट लगते हे हे न मुख्या जी l तब राम्देब दूसरा जगह महाराज को ले जाते हे और बोलते हे इहा पर तलब बोनाये थे तभी मुक्या कहता हे इहा पर तु गाँव के चब्तरे हे इहा पर तु बैठक होता हे तब रजा बोलता हे रामदेव तुम्हे ये भी नहीं पता कहा पर तलब बनवाए हे तब ब्र्मनोंद बोलता हे l महाराज तलब बोनाये ही नहीं तु यद् कहा से होगा ये तु पुरे 100 में से मात्र 25 तलब ही बोनाये हे और बाकि सब तो इन्ह्ने तालाब की चुरी की हे तब महाराज रामदेव को बंदी बनाने का आदेस देता हे और जेल में डाल देता हे l
एक दी रजा को सूचना मिलता हे की दक्षिण राज्य में चुरी बड जयी हे और उसके पता लगाने के लिए ब्र्मनोंद को भेज देते हे ब्र्मनोंद जब पहुच ताते हे तब देखते हे लोग पानी के लिए लद रहे हे यह देख क्र ब्र्मनोंद हेरान हो जाता हे l पिछले कुछ महीने पहले तु महाराज तु 100 तलब बनवाए थे फिर भी इनलोग कियो लद रहे हे ब्र्मनोंद तुरत गाँव के मुख्या सी मिले और बोले पिछले कुछ महीने में तु महाराज तु प्रोतेक गाँव में एक एक तालाब बनवाए थे फिर भी इन लोग पानी के लिए कियो लद रहे हे मुख्या बोला इहाँ पर तो कोई भी तलब नहीं बनाये हे l
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तब ब्र्मनोंद समझ जाते हे सरे धन रामदेव ने हड़प्प लिए हे और वह तुरंत राजमहल जाता हे और महाराज से बोलता हे महाराज – महाराज दक्षिण राज्य में एक तलब की चुरी हो गयी हे l यह सुनकर राजा हेरान को जाते हे और तुरंत ही रामदेव और ब्र्मनोंद को लेकर दक्षिण राज्य गये l तब रजा बोलते हे रामदेव तु कहा पर तलब की निर्णन किये थे मुझे वह जगह दिखाए तब रामदेव क्थिने में पस जाती हे और महाराजा को एक खली बंजर भूमि देखा देता हे और बोलता हे महाराज येही पर हमने तलब बनाये थे तब ब्र्मनोंद बोलते जहा तक मुझे पता हे इस जगह पर तु हाट लगते हे हे न मुख्या जी l तब राम्देब दूसरा जगह महाराज को ले जाते हे और बोलते हे इहा पर तलब बोनाये थे तभी मुक्या कहता हे इहा पर तु गाँव के चब्तरे हे इहा पर तु बैठक होता हे तब रजा बोलता हे रामदेव तुम्हे ये भी नहीं पता कहा पर तलब बनवाए हे तब ब्र्मनोंद बोलता हे l महाराज तलब बोनाये ही नहीं तु यद् कहा से होगा ये तु पुरे 100 में से मात्र 25 तलब ही बोनाये हे और बाकि सब तो इन्ह्ने तालाब की चुरी की हे तब महाराज रामदेव को बंदी बनाने का आदेस देता हे और जेल में डाल देता हे l