राजेस्थान के रायपुर गावं में रूपा और लेला रहता था l रूपा एक किसान था जिसके धान की खेत थे l रूपा रोज सुबेरे घर से खेत जाया करता था l एक दिन की बात हे जब रूपा खेत में कम कर रहा था तब अचानक तेज आंधी बेहने लगा l तब रूपा बोलता हे भगवान ये क्या हो रहा हे ये कोन सा जन्म का बदला ले रहा हे आप हाय मेरा खेत........ मेरा धान सब बर्बाद हो गया l तेज हवा के करण रूपा का आधा से अधिक फसल बर्बाद हो गया था और कुछ ही देर में हवा बहने रुक गया l तभी रूपा बोलता हे हे भगवान कभी तु मेरा काम का अच्छा फल दो l हर बार कोई ना कोई रुडा डाल देता हे जिसे मेरा फसल बर्बाद हो जाता हे l
रूपा भगवान को कोश्ता रहा और उधर बदोलो के बिच भगवान रूपा की सिकय्ते सुन कर मुस्करा रहे थे l कुछ महीना बित गया सावन की मसोम आने वाले थे रूपा ने खेत पर जगह जगह बांध बनाये जिसे ब्रशत का पानी अधिक से अधिक पानी नहर में बह जाए l कुछ दिन बाद सावन शरू हो गया लेकिन अचानक बारिश तेज हो गया और लगातार तिन दिन तक बारिश होती ही रही l रूपा घर से खेत देखने गया जब रूपा खेत पहुचा तो रूपा रू पड़ा l हे भगवन ..... हे भगवन .....ये क्या हो गया ? इसे अच्छे तो आप मुझे मर ही देते ...और नहीं मेरा जिन्दगी आसन बना देते l इस बार तो मेरा खेतो को डोबो दिया मैने ईस बार क्या किया हे आपका ? और रूपा जोर – जोर से रू पड़े .... और तभी वहा पर भगवान प्रोक्ट होई l रूपा भगवान को देख कर खोश होते हे और रूपा भगवान को प्रोनाम किया l तब भगवान बोले रूपा तुम हर बार मुझे कोश्ते कियों रहते हे तब रूपा बोलता हे प्रोनाम प्रभो कियोंकि आप ही हे जो मोसम की उत्तर दाई हे आप ही मसोम को को बदलते हे l आपके कहने पर ही आँधी आकर मेरा खेत के फसल बर्बाद हो जाते हे और आज भी आपकी ही करण अज को भी मेरा खेत डूब गया l तब भगवान बोलता हे रूपा इया तुम्हे लगता हे ये मसोम आके खेत के लिए अच्छी नहीं हे तब रूपा जबाब देता हे हँ l फिर भगवान केहता रूपा ठीक हे आज से तुम खोद ही अपने खेत का मसोम नियन्त्रण कर पावोगी जब बगल की खेतों में बारिश हो रही होगी तब भी तुम अपनी खेतो में बारिश रोक सकते हे अब तुम्हारे खेत का नियन्त्रण अब तुम्हारी हाथ में हे यह बल कर देव वहा से चले गाये अब रूपा बहुत खोश था l
बारिश का मसोम था रूपा ने अपने खेतो में जादा बारिश होने नहीं दिया वह ये सब देख कर बहुत खुश था l उसे लगा की वह सब कुछ ठीक ही कर रहा हे देखते – देखते तिन महीना बित गया l रूपा की फसल सने की समान लहरा रहे थे यह देख कर रूपा की छाती चोड़ी हो गई और मन ही मन रूपा खोश हो रहे थे और बोलने लगा l मैने आपनी खेतो में बारिश का नियन्त्रण करके सने की तरह पसल को बना दिया जब में काल इन्हें काटोंगा तो मुझे बहुत सरे धन मिलेगा l जब दुसरे दिन रूपा पसल काटने शरू कर दिया लेकिन पसल को देख कर हेरण रह गया .... हँ ये सब क्या होवा हे भगवान ये सब मेरे साथ क्या हो रहा हे...हे भगवान आपने मेरे साथ फिर से धोका किया l
भगवान फिर प्रोक्ट होवा और बोलने लगा अब भी मुझे ही कोश रहे हों तुमने अपनी खेतो का नियन्त्रण तो खोद लिया था तो अब क्या होवा l तब रूपा बोला आपने मेरे साथ फिर से धोका दिया तब भगवान हँसी – हँसी बोलने लगा मैने कोई कल नहीं चली बल्कि तुमने बेबकूफी किया तुमने खेतो को तो सही मसोम दिखाया लेकिन पसल बन्ने के लिए पसल को सोंघ्र्ष करना पड़ता हे जब पसल आँधी बरसात और बहुत अन्य मसोम की गहर से लड़ते हे तभी बिज में अंकुर पैदा होता हे और वह बिज बनता हे l लेकिन तुम्हारी खेतो को तो सोंघ्र्ष ही नही करना पड़ा इस लिए ये पसल बीजो में बदल नही पाए l तब रूपा कहता हे मुझे माप करना भगवान ये मैने केसे भूलने लगा की में एक साधारण किसान हु और आप एक भगवान हो सही कहते हे लोग जिसका कम उसी को साजे मुझे माप कीजिए....मुझे माप कर दीजिए भगवान ... रूपा को अपनी गलती समझ आ गई ll
रूपा भगवान को कोश्ता रहा और उधर बदोलो के बिच भगवान रूपा की सिकय्ते सुन कर मुस्करा रहे थे l कुछ महीना बित गया सावन की मसोम आने वाले थे रूपा ने खेत पर जगह जगह बांध बनाये जिसे ब्रशत का पानी अधिक से अधिक पानी नहर में बह जाए l कुछ दिन बाद सावन शरू हो गया लेकिन अचानक बारिश तेज हो गया और लगातार तिन दिन तक बारिश होती ही रही l रूपा घर से खेत देखने गया जब रूपा खेत पहुचा तो रूपा रू पड़ा l हे भगवन ..... हे भगवन .....ये क्या हो गया ? इसे अच्छे तो आप मुझे मर ही देते ...और नहीं मेरा जिन्दगी आसन बना देते l इस बार तो मेरा खेतो को डोबो दिया मैने ईस बार क्या किया हे आपका ? और रूपा जोर – जोर से रू पड़े .... और तभी वहा पर भगवान प्रोक्ट होई l रूपा भगवान को देख कर खोश होते हे और रूपा भगवान को प्रोनाम किया l तब भगवान बोले रूपा तुम हर बार मुझे कोश्ते कियों रहते हे तब रूपा बोलता हे प्रोनाम प्रभो कियोंकि आप ही हे जो मोसम की उत्तर दाई हे आप ही मसोम को को बदलते हे l आपके कहने पर ही आँधी आकर मेरा खेत के फसल बर्बाद हो जाते हे और आज भी आपकी ही करण अज को भी मेरा खेत डूब गया l तब भगवान बोलता हे रूपा इया तुम्हे लगता हे ये मसोम आके खेत के लिए अच्छी नहीं हे तब रूपा जबाब देता हे हँ l फिर भगवान केहता रूपा ठीक हे आज से तुम खोद ही अपने खेत का मसोम नियन्त्रण कर पावोगी जब बगल की खेतों में बारिश हो रही होगी तब भी तुम अपनी खेतो में बारिश रोक सकते हे अब तुम्हारे खेत का नियन्त्रण अब तुम्हारी हाथ में हे यह बल कर देव वहा से चले गाये अब रूपा बहुत खोश था l
बारिश का मसोम था रूपा ने अपने खेतो में जादा बारिश होने नहीं दिया वह ये सब देख कर बहुत खुश था l उसे लगा की वह सब कुछ ठीक ही कर रहा हे देखते – देखते तिन महीना बित गया l रूपा की फसल सने की समान लहरा रहे थे यह देख कर रूपा की छाती चोड़ी हो गई और मन ही मन रूपा खोश हो रहे थे और बोलने लगा l मैने आपनी खेतो में बारिश का नियन्त्रण करके सने की तरह पसल को बना दिया जब में काल इन्हें काटोंगा तो मुझे बहुत सरे धन मिलेगा l जब दुसरे दिन रूपा पसल काटने शरू कर दिया लेकिन पसल को देख कर हेरण रह गया .... हँ ये सब क्या होवा हे भगवान ये सब मेरे साथ क्या हो रहा हे...हे भगवान आपने मेरे साथ फिर से धोका किया l
भगवान फिर प्रोक्ट होवा और बोलने लगा अब भी मुझे ही कोश रहे हों तुमने अपनी खेतो का नियन्त्रण तो खोद लिया था तो अब क्या होवा l तब रूपा बोला आपने मेरे साथ फिर से धोका दिया तब भगवान हँसी – हँसी बोलने लगा मैने कोई कल नहीं चली बल्कि तुमने बेबकूफी किया तुमने खेतो को तो सही मसोम दिखाया लेकिन पसल बन्ने के लिए पसल को सोंघ्र्ष करना पड़ता हे जब पसल आँधी बरसात और बहुत अन्य मसोम की गहर से लड़ते हे तभी बिज में अंकुर पैदा होता हे और वह बिज बनता हे l लेकिन तुम्हारी खेतो को तो सोंघ्र्ष ही नही करना पड़ा इस लिए ये पसल बीजो में बदल नही पाए l तब रूपा कहता हे मुझे माप करना भगवान ये मैने केसे भूलने लगा की में एक साधारण किसान हु और आप एक भगवान हो सही कहते हे लोग जिसका कम उसी को साजे मुझे माप कीजिए....मुझे माप कर दीजिए भगवान ... रूपा को अपनी गलती समझ आ गई ll
इस कहानी से मिले ज्ञान :- मसिब्ते और सोंघ्र्ष हमे और मज्बोत और काबिल बोना देता हे l