Friday, March 8, 2019

बगुला और केकड़ा एक पुरानी कथा हिन्दी कहानी l



बगुला और केकडा 


एक समय का बात है l एक तालाब था उसमें बहुत सारे जीब रहते थे उसके सामने ही एक पेड़ में बगुला रहता था वह प्रोतिदिन उस तालाब में मछलियाँ पकड़ कर खाते थे हरेक मछलियाँ उसे नफऱत करते थे लेकिन उसे मछली पसंद थे l  बगुला खूब मज़े और आंनद से शिकार करते है वह क्भी भी भूखा नहीं रहते थे लेकिन दिनों दिन बूढ़ा होते जा रहा था l  ठीक से उड़ने भी नही पा रहे थे और शिकार भी नही कर पा रही थी जैसे ही वह मछली पकड़ने की चेस्टा करते थे वह ही गिर जाती थी उसकी पकड़ में कोईभी मछलियाँ नहीं आती थी कियोंकि बगुले बूढ़ा हो चुका था l

अब सारी मछ्ली उस बगुले से नही ड़रते थे एक दिन की बात है जब कुछ मछली खेलते खेलते उस बगुला के सामने जाते थे लेंकिन वह बगुला उन मछली को पकड़ के कशिश करते लेकिन पकड़ नही पाते l एक मछली जब उसकी दीदी के साथ घूम रहे थे तब उसकी बहन को नाना करती है उधर मत जाओ बगुला तुम्हे खाजाएँगी ? छुटे मछुली बलती है वह बगुला तू बुढ़ा हु चुका है वह तू ठीक से खाड़े भी नहींल हो पा रहे है l  आप चिंता मत करो वह तू कुछ दिन से भूखा पड़े हे जब वह पकड़ने के कशिश करते है वह ही गिर जाते है और में तु छलांग लगा के भाग जाती हूँ l वह बहुत कमजोर होते जा रहे थे और शिकार भी नही कर पा रहे थे अब तुउस बगुले के सामने ही मछलियाँ घूमती फिरती थी एक दिन उसे बहुत भूख लगे थे वह  पिछले कुछ दिन से भूखा थे उसने सूचने लागा कैसे करके आसानी से अपने भूख मिटा सकते है वह उपाय सुचते है और बोलते है वह मुझे पता है क्या करना चहिये ? और यह बलके बगुला तालाब के किनारे जाकर जोर जोर से रुने लेते है यह देख कर सारे जइब भयभीत हो जाते है और उसके पास जाते है और पूछते है क्या हुवा बगुला राज कियों रु रहे हो आप तब बगुला जबाब देता है क्या बताओं बहुत बुरी ख़बर है इन तालाब में रहने बाले ज़िबो के लिए तब सारे जिब बोलते है बताओं न क्या बात है तब बगुल ज़बाब देता है में गाँव से होकर गुजर रहे थे तब मैंने लोगो को बातें कर सुने थे कि वह इस तालाब को मिट्टी से भर देगा और यहाँ पर खेती करेगा यह बाते सुनकर सारे ज़िबो घबरा जाते है और बोलते है कैसे करके हमारे जान बच सकते है लेंकिन उनलोगों को पता नहीं है कि वह बगुला सबको बेबकूप बना रहे थे  l

तब बगुला बोलते है मेरे पास एक उपाय है मैं एक ऐसी तालाब जानते है जहाँ पर पूरे साल भर पानी रहता है में यह बातें सुनकर सभी बोलतें है पर जायेंगे हमलोग वहां जायेंगें कैसे तब एक मछ्ली बलती है तुम सब तु पानी के बिना भी जीवित रह सकते हैं पर हम मछली तु एक पल भी जीवित नही रह सकते है तू हमलोग वहां पर जाएँगे कैसे तब बगुला बोलता है में सबको वहां ले जऊँगा l लेकिन मेरा एक शर्त है में तू बहुत बुढ़े हो चुका हु इसलियें में एक दिन में कुछ ही मचली ले जा सकता हूँ और में आराम करने के लिए बीच मे भी रुकना पड़ेगा ओट सभी मछली बोलते है ये शर्त हमलोग शिकार करते है l  यह सुनकर बगुला बहुत खुश हो जाता है ओर वह प्रोतिदिन तालाब से मछली लेकर जंगल की औऱ उड़ते है और उधर सारे मछली को बगुला सारे खा जाते है ऐसे करते करते बगुला स्वस्थ होने लगा और पहले जैसा तागत बार ही हो गया  समय बीतते गाय l औऱ तालाब से मछलियाँ भी खत्म होने लगा था  एक दिन की बात है एक केकड़ा ने बोला बगुला भैया मुझें भी वहां पहुँचा दो हमको ये बात सुनकर बगुला मन ही मन खुशियां माना रहा था और मन ही मन भीत दिनों की बात खाने के लिए अलग ही स्वाद मिलेगा और बोलने लगा ठीक है अभी ही पहुचा देता हूँ यह बात बल कर बगुला जंगल की ओर उड़ पड़े केकड़ा को कुछ समझ मे नही आ रहा था और पूछने लगा और कितना दूर है तालाब तब बगुला जबाब दिया अरे मूर्ख तालाब नही बल्की मरने के लिए तैयार हो ? तुमने कैसे सुच लिया कि में तुम्हे तालाब ले जा रहा हू l

मेने सारे तुम्हारे दस्तो को खा लिए है और तुमको भी अभी में खा जाओंगा केकडा ने बगुला की सारी चल समझ गयी और बोलने लगा तुमने ये अच्छा नही किया है तुमने हमलोगों से झुट बलकर हमलोगों के सारे दोस्तो को तुमने खा डाला ला  l  केकड़ा में तुम्हे छुडूंगा नहीं और केकडा ने जोर से बगुला के गले मे जोर से कटने लगा तब बगुला बोलता है मुझे मैप कर दो मेरे से भूल हु गए है  l लेंकिन केकड़ा नही मानी और बगुला को मार डाला  और केकडा तालाब की और लौट पड़े तालाब पहुच कर सारे बाते अपने दोस्तु को बताने लगा यह बात सुनकर केकड़े को सबको सुक्रिया  किये और सब ज़िबो अब खुशी खुशी जीने लगा l
ज्ञान : किसी को भी झुठ बोलकर मत फ़साना उसका परिणाम बहुत बड़ी होती है शायद अपनी जान भी गबा देना पड़ सकती है जैसे की इस कहानी में बगुला को अपनी जान गबा देनी पड़ी इसी तरह उप भी कभी गलती मत करना...............Il  

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